एक समय था पैसे निकालने के लिए आपको आपने बैंक की शाखाओं में जाना होता था और फिर एक निकासी फॉर्म भरना होता था। फिर एक लम्वि कतार पर खढे हो कर काफी देर तक इंतज़ार के बाद आप आपना पैसा निकाल सकते है।
ऐसे में आपको कई तरह की चुनौतियो के साथ साथ समय की बर्बादी करनि होती थी। लेकिन अब समय बदल चुका है अब आपको आपना ही पैसा निकालने के लिए बैंक के लम्वि कतारो मे खड़े रहने बजाए ATM से आपना पैसा निकाल सकते है।
चलिए ATM क्या है और इसका उपियोग क्या है इसके बारे मे तो हम सभी को पता है। लेकिन क्या आपको ATM ka full form के बारे मे जानकारी है। इसके वजुद मे आने के कारण अब बैंक की शाखाओं में जाने के बजाए इसके जरीए कभी भी और कही से भी पैसा निकाला जा सकते है।
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ATM ka full form क्या है?
Automated teller machine और इसे संक्षेप में ATM कहा जाता है। यह एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक मशीन जोकि कंप्यूटर सॉफ्टवेयर द्वारा संचालित होता है जिसका उपयोग पैसे की लेनदेन के लिए किया जाता है। यह स्वचालित रुप से काम करने बाला एक बैंकिंग प्लेटफ़ॉर्म है जो 24*7 काम करता है।

इसके साथ लेनदेन करते समय न ही आपको किसी तरह की कागजी कारबाई की जरुरत होती है ओर न ही बैंक के किसी प्रतिनिधि या कैशियर की आवश्यकता होती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है की वे चविसो घन्टे काम करता है और बैंक ग्राहको के समय वचाता है।
ऑटोमेटेड टेलर मशीन का संक्षैप विवरण
यह नकदी मशीन एक स्व-चालिल बैंकिंग आउटलेट सिसटेम है जहा से आप बैंक शाखाओं पर जाए विना पैसे निकाल सकते हैं, अपना अकाउन्ट बैलेंस चेक कर सकते हैं या किसी को फंड ट्रांसफर कर सकते हैं।
आज लगबग हर बैंक खाताधारी इस सावि॔स का लाभ उठा रहा है और यह डिजिटल सेबाए देश के हर कोने में विभिन्न बैंको द्बारा उपलध्ब करया गया हैं। चाहे किसी भी बैंक मे आपका खाता हौ आप इनमें से किसी भी स्वत बैंकिंग सेवा केन्द्र से आपना पैसा निकाल सकते हैं वो भी दिनके 24 घंटे।
यह लेनदेन का एक मुफ़्त माध्यम हैं, हलांकी बैंकों के आधार पर किसी किसी मे नाम मात्र शुल्क भी लग सकता है। आमतौर बैंक पहले 5 लेनदेन के लिए कोई शुल्क नहीं लेता। लेकिन एक बार जब आप नि:शुल्क लेनदेन की तय सीमा को पार कर लेते हैं तो अगली लेनदेन के लिए आपको एक मामूली शुल्क बैंकों को देना पड़ सकता है।
इसके अलावा, अगर आप लेनदेन के लिए किसी ऐसी बैंक के स्मार्ट तकनीकि सेबा को चुनते हैं, जहा पर आपका बैंक खाता नहीं हैं, तो ऐसे मे कुछ मामलो मे आपको एक छोटासा शुल्क देना हो सकता हैं।
एटीएम सेबाए काम कैसे करता है?
इन सेवाओ को प्राप्त करने के लिए ग्राहको को बैंक अधिकारी द्बारा चिपका हुया चिप के एक इलेक्ट्रॉनिक कार्ड प्रदान किया जाता है जिसमे एक सुरक्षा पिन कोड होते हैं और यह हर एक ग्राहको के लिए अलग अलग होते है।अब जब कोई ग्राहक इस कार्ड को किसी ऐसी अटो नकदी मशीन में डालाता है तो यह प्रमाणीकरण के लिए आप से एक गुप्त पिन कोड कि मांग करता है।
अब ग्राहक को वह सुरक्षा pin code दर्ज करना होता है जिसे आपके बैंक आधिकारीक द्बारा पदान किया जाता है। बेंकिन सिस्टम के अनंद आपके बेंक खाते के विवरण समेत वह सुरक्षा pin code संग्रहीत होता है । अब आपके द्बारा दर्ज किया गया पिन कोड जब संग्रहीत पिन कोड से मेल खाना है तो यह आपको आगे कि कारवाई करने के लिए ऐक्सेस देता है और इस प्रकार ग्राहक अपना लेनदेन पुरा कर सकते हैं।
एटीएम मशीन के पार्ट्स
इस मशीन के कुछ बुनियादी हिस्से होते हैं, जो सभी एकसाथ मिलकर काम करते है। निचे इनके कुछ बुनियादी भागों के बारे मे दिया गया है।
- Display screen: डिस्प्ले स्क्रीन विलकुल एक कंप्यूटर मॉनीटर की तरह इसमे एक एलसीडी स्क्रीन होती है जिसमे आपके लेनदेन से समन्धित सारा लेखा जोखा दिखई देता है।
- Speaker: यह इस मशीन का एक जरुरी हिस्सा है जिसके द्बारा ग्राहक लेनदेन से संबंधित हर जरुरी निर्देश या सुचनाए सुन सकते हैं।
- Card reader: मशीन के मध्य हिस्से मे और डिस्प्ले स्क्रीन के विलकुल नीचे दाहिने तरफ़ एक कार्ड रीडर मौजूद होता है जहा इस कार्ड को डाला जाता है। जिस पर कार्ड के डालते ही तुरंत डिस्प्ले स्क्रीन पर भाषा का चयन करने, लेनदेन का विकल्प चयन करने और ग्राहक आईडी या पिन कोड दर्ज करने जैसे निर्देश दिखाई देता हैं जिसके बाद ग्राहक अपने खाते तक पहुंच प्राप्त करता है और आगे की कारवाई पुरा करता है।
- Keypad: कीपैड पुरी प्रक्रिया में एक अहम भुमिका निभाता है जिसमें ग्राहक को वह जानकारी टाइप करना होता है जो मशीन लेनदेन के दौरान मांग करता है।
- Cash dispenser: यह वह हिस्सा है जिसके जरिए कैश को इकट्ठा किया जाता है और सुरक्षित रूप से मशीन में जमा किया जाता है जहा से ग्राहको नकदी दिया जाता है।
- Receipt printer: यह मशीन मे मौजूद एक मिनि प्रिंटर होता है जिसे रसीद प्रिंटर भी कहा जाता है।इसके द्बारा ग्राहको के लेनदेन का पुरा विवरण प्रिंट किया जाता है ताकि ग्राहको लेनदेन से संबंधित विवरण या इससे जुड़ी एक कागजी दस्तावेज़ दिया जा सके है।
एटीएम कितने प्रकार के होते हैं?
इसे अलग अलग उद्देश्यों और उपयोग के मध्य नजर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। इनमे से कुछ सामान्य प्रकार उदाहरण के तौरपर नीचे दिए गए हैं:
- नकद निकासी मशीन: इसका उपयोग नकदी निकालने के लिए किया जाता है। आम तौर पर, ये बैंक परिसर, शॉपिंग मॉल और अन्य व्यावसायिक स्थानों पर पाए जाते हैं।
- जमा लेने वाले मशीन: इनका उपयोग नकदी जमा करने के लिए किया जाता है। वे खाताधारकों को अपने संबंधित बैंक खातों में स्वयं नकदी जमा करने की अनुमति देते हैं।
- अन्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए: नकद निकासी और जमा के अलावा, वे कुछ अन्य सेवाएँ भी प्रदान करते हैं जैसे बैंक स्टेटमेंट देना, बैंक खाते की शेष राशि की जाँच करना, रिचार्ज, बिल का भुगतान आदि।
एटीएम का उपयोग
इसकी उपयोग की बात कि जाए तो किसी भी ग्राहक को बैंक शाखाओं में स्बयम जाए बिना विभिन्न बैंकिंग कार्यों को कभी भी और कही से भी इन्टरनेट के माध्यम से कम से कम समय मे किया जा सकता है।
इसे आप एक स्वचालित बैंकिंग सेवा के तोरपर मान सकते है, जहां इसका उपयोग आप स्बयम से नकदी निकालने और जमा करने, शेष राशि की जांच करने, बैंक विवरण देखने और अन्य बैंकिंग सेवाओं के लिए कर सकते है। इसके उपयोग से ग्राहकों को बैंकिंग सेवाएं आसानी से और शीघ्रता से प्राप्त होने में मदद मिलती है।आप चाहे तो इसे Net Banking का एक छोटासा संकलन भी मान साकते है।
एटीएम के फाएदे और नुकसान
फाएदे | नुकसान |
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1). यह मशीन बैंकों के बिना नकदी प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करती है। | 1). इस मशीन का उपयोग करते समय सुरक्षा एक समस्या हो सकती है। इसका प्रयोग धन चोरी या डकैती का कारण बन सकता है। |
2). खाताधारकों को आसान सेवाएं मिलती हैं, वे नकद निकासी, जमा, बैलेंस चेक करना आदि स्वयं कर पाते हैं। | 2). कभी-कभी एटीएम मशीनों में प्रोसेसिंग के दौरान तकनीकी दिक्कतें आ सकती हैं, जिसकी वजह से ग्राहकों को अपना पैसा निकालने या जमा करने में परेशानी हो सकती है। |
3). क्योंकि ग्राहकों को बैंक शाखाओं में जाने की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे ग्राहकों का काफी समय बच जाता है। | 3). प्राप्त राशि की एक निश्चित सीमा के कारण, ग्राहक अपनी आवश्यकता के अनुसार नकदी निकालने में असमर्थ हैं। |
4). यह दिन के 24 घंटे काम करते हैं, इसलिए लोग आवश्यकता पड़ने पर किसी भी समय उन तक पहुंच सकते हैं। | 4). खासकर ग्रामीण इलाकों में एटीएम मशीनों में कैश की कमी के कारण ग्राहक पैसे नहीं निकाल पा रहे हैं। |
5). इसमें ग्राहकों को बैंक जाने की जरूरत नहीं होती है, जिससे ग्राहक बैंक की भीड़ में खड़े होने की परेशानी से बच सकते हैं। | 5). निर्धारित सीमा से अधिक एटीएम मशीनों का उपयोग करने पर आपको अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है; इसके अलावा आपको अन्य बैंकों की एटीएम सेवाओं का उपयोग करने पर भी शुल्क देना पड़ सकता है। |
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Biswajit Debnath
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