Internet क्या है?इंटरनेट कैसे काम करता है?इंटरनेट के प्रकार

Internet क्या है? इंटरनेट एक ऐसी शद्ब है जिसके साथ आज हर कोई परिचित है, वच्चे से लेकर बुजुग॔ तक अब हर किसी को इसकी जरुरत महसुस होने लगी है।चाहै बडो के लिए कोई दुल॔भ जानकारी जुटानी हो या बच्चो के लिए कोई दिलचस्प कहानी इसकी उपीयोग के विना नमुमकिनसा लगता है।

हलांकी आज इंटरनेट की सहज उपलब्धता ने इसकी उपीयोगीता को कोई गुणा बड़ा दि है। लेकिन, इसकी इतनी अहमिएत के बावजुद क्या आप गहराई से जानते है कि आखिर ये इंटरनेट क्या है जो पुरी दुनिया के लोंगो को एक दुसरे से जुडके रंखा है।

तो, इस लेख के माध्यम से आज हम इसकी गहराई तक पहुचने का प्रयास करेंगे और जानेंगे कि आखिरकार यह इंटरनेट है क्या,ये केसे काम करता है और यह कितने प्रकार के होते हैं?

Internet क्या है?

यह एक विश्वव्यापी डिजिटल संचार प्रक्रिया है जो विश्व स्तर पर लोगों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए एक नेटवर्किंग प्रणाली के माध्यम से कार्य करता है जिसे वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) के नाम से भी जाना जाता है।

यह एक विकेंद्रीकृत प्रक्रिया है जिसका अर्थ है कि कोई भी व्यक्ति या प्राधिकरण इसके संचालन को नियंत्रित नहीं कर सकता है। यह एक अंतरराष्ट्रीय मानक से संबंधित है जिसे प्रोटोकॉल के रूप में जाना जाता है।

यह दुनिया की सबसे बड़ी नेटवर्क प्रणाली है जो कंप्यूटर उपकरणों को एक दूसरे के बीच संचार को सक्षम बनाता है और इसे वेब ब्राउज़र का उपयोग करके एक्सेस किया जा सकता है।

इंटरनेट के प्रकार

ऑनलाइन कनेक्शन स्थापित करने के कई अलग-अलग तरीके हैं जिनसे इंटरनेट की दुनिया की संपत्तियों तक पहुंचा जा सकता है।

हालाँकि, इन कनेक्शनों की अपनी गति और विभिन्न उद्देश्य होते हैं, जैसे कि घर पर उपयोग के लिए, व्यक्तिगत उपयोग के लिए, या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए।

इसके कनेक्टिविटी के विभिन्न प्रकार कुछ इस प्रकार हैं:

  • Dial-Up Connections
  • Broadband Internet
  • Digital Subscriber Line(DSL)
  • WiFi Hotspots
  • Cable Connection
  • Satellite connection
  • Mobile Internet
  • Integrated Services Digital Network(ISDN)

इनके बारे मे और अधिक जानकारी के लिए ऑनलाइन क्या है इस लेख को जरुर पढे।

Internet क्या है

इंटरनेट कैसे काम करता है?

यह एक वैश्विक नेटवर्किंग प्रणाली के माध्यम से काम करता है जिसे सर्वर कहा जाता है। ये सर्वर से जुड़े हुए एक मानकीकृत नेटवर्किंग प्रोटोकॉल का उपयोग करके एक दूसरे के साथ संचार मुहाया कराता हैं।

अब, जब कोई उपयोगकर्ता किसी कंप्यूटर या स्मार्टफोन के माध्यम से इसका उपयोग करता है, तो इससे जुड़ी हुई डिवाइस के माध्यम से सेवा प्रदाता (ISP) को एक संदेश भेजा जाता है।

आईएसपी तब प्रोटोकॉल (IP) और ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (TCP) का पालन करने वाले पैकेट रूटिंग नेटवर्क का उपयोग करके सर्वर के अनुरोध को अग्रेषित करता है, जो दुनिया में कहीं भी स्थित हो सकता है।

अब सर्वर उस अनुरोध को संसाधित करता है और अनुरोध किए गई डेटा को वापस भेजता है, और उपयोगकर्ता के डिवाइस पर प्रदर्शित किया जाता है।और इस प्रक्रिया को पुरी होने मे कुछ ही मिलि सेकंड का समय लगता है।

इंटरनेट के लाभ

इसके उपयोग से हम कई तरह के लाभ प्राप्त कर सकते हैं। यहाँ इंटरनेट के माध्यम से होने बाले कुछ फाएदे के बारे मे संक्षेप में दिया गया हैं:

  • महत्वपूर्ण सूचना प्राप्त कर सकते हैं
  • संचार और ऑनलाइन कमोनिटि के साथ जुड़ सकते है
  • ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं
  • ई-कॉमर्स और ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते हैं
  • मनोरंजन और मीडिया का आनन्द ले सकते है
  • उत्पादकता और दक्षता को वेहतर बना सकते है
  • ऑनलाइन बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं
  • सरकारी सेवाओं तक पहुंच सकते हैं
  • कैरियर और व्यावसायिक विकास को बड़ा सकते है
  • सामाजिक जुड़ाव और सक्रियता बड़ा सकते है

इंटरनेट के नुकसान

इसके कई सारे लाभो के साथ साथ इसके उपियोग के कुछ नुकसान भी हो सकते है जिन पर हमे हमेशा एहतियात बरतने की जरुरत हैं। यहां इसके कुछ नुकसान के बारे मे दिया गया हैं:

  • साइबर सुरक्षा की जोखिम
  • प्राइवेसी का मुद्दा
  • गलत सूचना और फेक न्यूज का जोखिम
  • साइबरबुलिंग और ऑनलाइन उत्पीड़न
  • डिजिटल डिवाइडस
  • सूचना का अधिभार और व्याकुलता
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
  • अधिक निर्भरता और आलसिपन
  • ऑनलाइन का शिकार और शोषण

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इंटरनेट का उपयोग

आज, इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है। चाहे आप एक एकेला व्यक्ति है या कोई कंपनि हर किसी को अपने दैनिक कार्यों को पुरा करने के लिए इसका सहारा लेना परता हैं। यहाँ, इंटरनेट के कुछ प्रमुख उपयोग के बारे मे एक अबलोकन तिया गया हैं:

  • लोगों के साथ संचार के लिए
  • जानकारी तक पहुँचने के लिए
  • शिक्षा और ई-लर्निंग उद्देश्यों के लिए
  • ई-कॉमर्स और ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़ने
  • मनोरंजन और मीडिया के साथ जुड़ने
  • सोशल नेटवर्किंग से जुड़ने
  • ऑनलाइन बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं तक पहुँचने
  • कार्य और सहयोग में संलग्न होना
  • समाचार और सूचनाए साझा करने
  • सरकारी सेवाएँ और नागरिक सहभागिता

इंटरनेट का इतिहास

1960 के दशक में ARPANET नामक एक परियोजना के साथ इसकी अबधारना पेहली बार सामने आया।इसे अनुसंधान संस्थानों के बीच जानकारी साझा करने के मकसत से अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा विकसित किया गया था।

1970 के दशक में, टीसीपी/आईपी प्रोटोकॉल का विकास हुया जिसने कंप्यूटरों को एक दूसरे के साथ संवाद करने में सक्षम बनाया। और फिर 1980 के दशक तक विभिन्न संगठनों और विश्वविद्यालयों को इसके साथ जोड़ा गया।

1990 के दशक में टिम बर्नर्स-ली के द्बारा वर्ल्ड वाइड वेब (WWW) का आविष्कार किया गया, जिसने वेब ब्राउज़र और वेबसाइटों के उपयोग से जानकारी प्राप्त करना आसान बनाया।

तब से लेकर, इसका विकास निरन्तर जारी रहा और फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लोगो के वीच मशहुर हो गया, जिससे लोगों को इंटरनेट से जुड़ने के लिए प्रोसाहित किया।

उसके बाद YouTube जैसी ऑनलाइन वीडियो शेयरिंग सेवाएं उभर के आया, जिससे लोगो को वीडियो साझा करने और उन्है देखना सक्षम बनाया। इसके तुरन्त बाद ई-कॉमर्स सेबायो ने दस्तक दि जिसने लोगो को ऑनलाइन सामान खरीदना और बेचना संभव बनाया।

आज, यह देखते देखते एक विशाल नेटवर्क बन गया जिसने दुनिया भर मे अरबों कि संख्या में कंप्यूटर उपकरणों को एक साथ जोड़े रंखा।

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इंटरनेट का आविष्कार किसने किया?

आविष्कार कि बात कि जाए तो इसे आविष्कार करने की श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता। दरसल, इसके आविष्कार के पिछे कई वैज्ञानिक, इंजीनियर और शोधकर्ताऔ कि मेहनत शामिल है, जिनके दशकों से किए गए प्रयासो से इसका आविष्कार संभव हो पाया।

दरसल, इसका आविष्कार कई परियोजनाओं और पहलों को सुलझाने क दोरान किया गया। इन वैज्ञानिको का उद्देश्य एक ऐसी नेटवर्क को विकसित करना था जिसके द्बारा उनके बीच शोध से संबंधी डेटाऔ का विनिमय किया ज सके।

हलांकी, इस आविष्कार के पिछे बड़ा किरदार ARPANET यानि Advanced Research Projects Agency Network को माना जाता है जिसे 1960 अमेरिका के रक्षा विभाग द्वारा स्थापित कया गया था।

ARPANET ने पहला वाइड-एरिया पैकेट-स्विचिंग नेटवर्क की अवधारणा दि और इसकी नींव के रूप में काम किया। जिसमे पॉल बारान, डोनाल्ड डेविस और लियोनार्ड क्लेनरॉक जैसे वैज्ञानिकों इसके विकास में बड़ा योगदान दिया।

उसके बाद,1980 के दशक के अंत में ब्रिटिश कंप्यूटर वैज्ञानिक टिम बर्नर्स-ली ने वर्ल्ड वाइड वेब का आविष्कार किया जोकि इंटरनेट कि दुनिया के मील का पत्थर साबित हुया।

साथही उन्होंने हाइपरटेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (एचटीएमएल), हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एचटीटीपी), और यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) जैसी आधुनिक तकनीकों का विकास किया, जिसने इंटरनेट को एक नया आयाम दिया।

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