SEO Friendly URL Kya Hai?|SEO Friendly Url Kaise Banaye?

SEO Friendly URL Kya Hai?|SEO Friendly Url Kaise Banaye?
SEO Friendly URL Kya Hai

SEO friendly URL Kya Hai? Url कैसे बनाएं? आप इसे कैसे कॉन्फ़िगर करते हैं? एसईओ अनुकूल यूआरएल आपकी साइट के लिए ऑर्गेनिक खोज दृश्यता में सुधार कर सकते हैं।

इसे ठीक से अनुकूलित करने के लिए, आप नीचे दिए गए सुझावों का पालन करके अपनी साइट के लिए एसईओ अनुकूल यूआरएल सुनिश्चित कर सकते हैं।

ध्यान रखें यूआरएल को ठीक से कॉन्फ़िगर करना एक आवश्यक कदम है जो यह सुनिश्चित करता है कि आपकी वेबसाइट एसईओ अनुकूल है। इस पोस्ट में आप जानेंगे कि SEO Friendly URL क्या है? एसईओ फ्रेंडली URL कैसे बनाएं और यह क्यों महत्वपूर्ण है।

URL Kya Hai?

URL यूनिफ़ॉर्म रिसोर्स लोकेटर का एक संक्षिप्त (acronym) Form है। जहा

U:- Uniform
R:- Resource
L:- Locator के तौरपर जाने जाते है।

यह इंटरनेट पर किसी वेब पेज तक पहुंचने के लिए एक वेब पते को संदर्भ करता है। आप अपने पसंदीदा वेब ब्राउज़र पर कई URL डालते है ताकि वह इंटरनेट पर उसी तरह से फाइलों का पता लगा सके जिस तरह से आप पत्रों पर पते को डालते हैं ताकि पोस्ट ऑफिस बाले आपके संवाददाताओं का पता लगा सके।एक URLपते को ढूँढ़ने का एक साधन होता है जो यह बताता है कि इंटरनेट पर संसाधन को कैसे खोजना है।

इसमे दो मुख्य घटक होते हैं:
१).संसाधन तक पहुँचने के लिए आवश्यक प्रोटोकॉल और
२).संसाधन का स्थान।

SEO friendly URL Kya Hai?

इंटरनेट पर हर एक वेब पेज का आपना unique URL होता है। हर एक वेब पेज मे वे एक फॉरवर्ड स्लैश द्बारा दो भागो मे वटा होता है।पहला भाग आपका डोमेन नाम है जिसे अप कॉन्फ़िगर नहीं कर सकते और दूसरा भाग है डोमेन के भीतर का Page जोकि खोजने का काम करता है ओर यह भाग कॉन्फ़िगर करने योग्य होते है। ये दोनों भाग मिलकर एक webpage का अद्वितीय ID बनाते हैं।

एक सही अनुकूल URL पेजों का सही वर्णन कर खोज इंजन और उपयोगकर्ताओं दोनों के लिए समझना आसान बनाता है।आपको समझने मे आसानी हो इसके लिए नीचे एक एसईओ अनुकूल URL ओर एक विना एसईओ अनुकूल का उदाहरण दिया गया है:

जैसे:

https://www.digipole.in/webpage-kya-hai-kaise-banaye/ जोकि एक सही URL माना जा सकता है।

https://www.digipole.in/Folder/z3290657/238 जोकि एक गलत URLमाना जाता है।

URL महत्वपूर्ण क्यों हैं?

1). उपयोगकर्ता अनुभव में सुधार: एक एसईओ अनुकूल यूआरएल उपयोगकर्ता अनुभव को बेहतर बनाता है और यूआरएल को समझना आसान बनाता है जो मनुष्यों और खोज इंजन दोनों को एक अच्छा संकेत देता है कि पेज किस बारे में है। एक उपयोगकर्ता केवल यूआरएल (https://www.example.in/webpage-kya-hai/) पढ़कर बता सकता है कि यह पेज वैबपैज से संबंधित जानकारी प्रदान करने जा रहा है।

2). रैंकिंग कारक: जब यूआरएल व्याख्या की बात आती है तो Google हमेशा खुद को बेहतर और अधिक कुशल बनाने में कामयाब रहा है और अब लगभग सभी आधुनिक सीएमएस एसईओ अनुकूलित यूआरएल बनाने में सक्षम हैं। यह एक SEO रैंकिंग फैक्टर है. हालाँकि यह एक छोटा एसईओ कारक है, एसईओ रैंकिंग अध्ययन से पता चलता है कि Google की पहली पंक्ति के अधिकांश वेबपेज यूआरएल एसईओ अनुकूलित हैं।

3). लिंक: गूगल की ओर से कहा गया है कि, कुछ यूजर्स आपके पेज के यूआरएल को एंकर टेक्स्ट के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. यदि आपके URL में कीवर्ड प्रासंगिकता है, तो Google आपके पृष्ठ को इसके बारे में अधिक जानकारी के साथ खोज इंजन पर प्रदर्शित करेगा।

SEO Friendly Url Kaise Banaye?

Google हमेशा अपने गाइड में इसके महत्व के बारे में जानकारी साझा करता रहता है। लेकिन अब सबाल यह है कि आप इसे अनुकुल कैसे बना सकते हैं?

हलांकी इसे बनाना कइ रॉकेट साइंस नहीं है। नीचे हम इसके स्लग बनाने की सरल प्रक्रियाओं और सर्वोत्तम प्रथाओं को जानने का प्रयास करेंगे। तो चलिए देखते है इसे कैसे बनाया जाता है।

एक बार जब आप किसी Page के लिए एक कीवर्ड चुनते हैं और Content लिखते हैं, तो इसे Publish करने से पहले एक अनुकूलित Permalink बनाने के लिए नीचे दिए गए Stretagies को जरूर Follow करें।

१). सही Domain Name का चयन करे।

URL का पहला Part डोमेन होता है, इसे कॉन्फ़िगर नहीं किया जा सकता है।
एक बार आप अगर कई Domain Name चुनते है तो,आपको फिर उसी डोमेन का उपयोग करना होगा और आप इसमें कोई बदलाव नहीं कर सकते। इसलिए बेहतर है के अप शुरू से ही एक अच्छा डोमेन को चुने।

2). HTTP से HTTPS पर Switch करें।

URL को अनुकूलित बनाने के लिए वेबसाइट की सुरक्षा एक अन्य कारक होता है ओर जिसके लिए SSL Certificate का install होना जरुरी है । एक SSL स्थापित वेबसाइट आपके URL को HTTPS बनाता है और यह उपयोगकर्तायो का विश्वास हासिल करने का एक अतिरिक्त तरीका है। एक SSL Certificate आपकी वेबसाइट को अधिक सुरक्षित बनाता है ओर आपकी वेबसाइट के माध्यम से प्रस्तुत की गई कोई भी जानकारी encrypted होता है। 2014 में Google द्वारा की गई घोषणा मे बताया कि एक SSL स्थापित HTTPS वेबसाइट रैंकिंग मे एक बड़ा असर ढालता है।

३). कीवर्ड का Use करें।

एसईओ अनुकलनता की बात कि जाए तो , सामान्य तर पर प्रश्न उठते है कि क्या URL में कीवर्ड का उपयोग करना चाहिए या नही।

इसका सही उत्तर है कीवर्ड का उपयोग URL में किया जाना चाहिए क्योंकि यह उपयोगकर्ताओं और खोज इंजन दोनों को आपके Webpage के बारे में एक विशेष जानकारी देता है।

उदाहरण के लिए, अगर निचे दिए गए H1 टाईटल टेग और इस पैज के Permalink को देखे तो: https://www.digipole.in/keyword-kya-hai/, यह Permalink बताता है कि यह Tergeted कीवर्ड,- ‘domain ‘ ‘Kya ‘ ‘hai ‘ इस पर केन्द्रित है और इसे विना किसी Space को छोडे डैश (-) द्वारा अलग किया गया।

).Stopwords को छाटने कि कोशिश करे।

Stop words, किसी भाषा में इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों का एक समूह है। आमतौर पर Stop words का Search engine optimization पर सीधा प्रभाव नहीं पड़ता है। हालांकि, पाठक के इरादों पर ध्यान देना हमेशा बेहतर होता है। पर Google ने पिछले दिनो आपने BERT मॉडल की घोषणा मे कहा है कि हमेशा प्रासंगिक Keywords और समानार्थी शब्दो का प्रयोग सही रहता है।

अंग्रेजी में Stop words के उदाहरण “a”, “the”, “is”, आदि और हिंदी में (जैसे “और”, “लेकिन”, आदि) होता हैं। गुगल जैसे Search Engine बेहद सामान्य शब्दों को अनदेखा कर देता है ताकि वे अपने डेटाबेस में कुछ जगह बचा सकें और Crowling (Web Crawler क्या है? और कैसे काम करता है) या Indexing (What is indexing in hindi? सर्च इंजन इंडेक्सिंग क्या है) दोनों को गति दे सकें। Stop words का Use ना करने का एक कारण Search Result Page मे सही परिणामो दिखाना भी है।

५).Special Characters के उपयोग को त्यागें।

अपने URLमें Special Characters को शामिल न करें। विशेष वर्ण और चिन्ह कभी कभी समस्याएँ पैदा कर सकता हैं और लिंक को तोड़ने का कारण बन सकता हैं, इसलिए URL लिखते समय असुरक्षित वर्णों का उपयोग न करें। (# $ % & < >) यह सबी Special Characters के कुछ उदाहरण है।

६).Title के अनूरूप रखे।

URL को पेज शीर्षक (Page Title) से जुड़ा होया रखे। पृष्ठ के शीर्षक और URLकी संरचना (URL structure best practices with google) मे निकटता या मिलान रखे। हालांकि ऐसा करना जरूरी नही होता है, पर पाठको को इससे समझने मे आसानी होता है कि यह दोनों एक दुसरे से जुड़े हुए हैं। नीचे दिए गए उदाहरण में, पृष्ठ का शीर्षक और URL बिल्कुल मेल नहीं खाते हैं, लेकिन इसे बारीकी से देखे तो यह आपको एक दुसरे से संबंधित दिखाई देगा। ऐसा करना इसलए जरुरी होता है ताकि उपयोगकर्ता इनके बीच की कनेक्शन को समज सकें।

७).Page URL को छोटा रखे।

अनावश्यक शब्दों को काटें ओर इसे छोटा रखने की कोशिश करे। एक छोटा एसईओ URL एक लंबे URL से बेहतर होता है। हालांकि,वे खोज इंजन के लिए कोई समस्या पैदा नहीं करता हैं, लेकिन वे उपयोगकर्ता को आपने अनुभव से दूर ले जाते हैं। एक छोटे URL दिखने मे भी बेहतर होता हैं और सोशल मीडिया पर साझा करना आसान रहता है। इसलिए इसकी लंबाई कम से कम रखने की कोशिश करे और स्पष्टता के लिए आवश्यक कीवर्ड को जुडे रखे।

). Auto-Generated labels से बचें।

स्वचालित ओर संख्यात्मक लेबल से बचें। कुछ Content Management Systems ऐसे URL को Generate करता हैं जिनमें संख्यात्मक और अजीब किसम का लेबलिंग शामिल होता है, जो Users को भ्रामीत या वैबपेज मे गड़बड़ी पेदा कर सकता हैं। इसलिए जितना संभव हो, इन लेबल से बचें और केवल उन शब्दों का ही उपयोग करें जिन्हें पाठक समझे और पहचाने।

).Duplicate Content से बचने Canonicalization का उपयोग करें।

Canonicalization का उपयोग Duplicate Content से बचने का एक आसान तरिका है।यह अनुकूलित वेबसाइट बनाने का एक वहतर तरीका है जो कि एक Unique लेखन का उपयोग करता है ओर जो एक वेबसाइट पर कई स्थानों पर दिखाई पडता है।

एक बात अप के लिए याद रखना जरूरी है कि, आपके URL में किसी भी तरह परिवर्तन कीसी भी खोज इंजन इसे एक नए Page के रूप में देखता है।

जेसै के निचे दिए गए , ये दोनों Pages के एक ही Content होने के वाबजुत भी ये दोनों Pages को अलग-अलग अनुक्रमित किया जाता है।

https://www.example.in/duplicate-content-kya-hai/
https://www.example.in/duplicate-content-kya-hota-hai/

खोज इंजन को यह बताना बहुत जरूरी होता है कि, खोजकर्ताओं के लिए Page का कौन सा संस्करण सबसे अधिक मूल्यवान है। खोज इंजन एक ही साइट के लिए खोज परिणामों में एक उपयोगकर्ता को एक ही Content के कई टुकड़े नहीं दिखाना चाहता।

इसी लिए खोज इंजन को अपके Page के सर्वोत्तम परिणाम पानेके लिए Search Engine को बताना जरूरी होता है कि अपके Page कि कोनसा url असल है ओर कोनसा Duplicate .

इससे निपटने के लिए आपके पास यहां दो विकल्प हैं। अगर अपके Content वास्तव में डुप्लिकेट है, तो आप उस पृष्ठ पर 301 Redirect का उपयोग कर सकते हैं । ओर दुसरा है HTMLपेज के हेडर में “rel = canonical” टैग का उपयोग करना।

१०).Change कि गई URL को Redirect करें।

वेब पेज बिल्ड-अप या पुनर्निर्माण के दौरान आपकी साइट के Permalink का सेटअप जल्द से जल्द किया जाना चाहिए। यदि आप किसी खोज इंजन द्वारा Index किए जाने के बाद किसी URL को बदलते हैं, तो फिर उसके जरिए आने बाले आपके Visitors को यह पेज पर 404 का एक Error Page दिखाई देगा।

इससे बचने के लिए आपको अपने पुराने बाले से नए URL में 301 Redirect करना होगा । अगर आप एक साथ बड़ी संख्या में इसे बदल रहे हैं तो WordPress पर कुछ ऐसे Plug-in हैं जो आपको 301 Redirect मे आपकी मदद कर सकता हैं।

निष्कर्ष

तो, अपने अब तक यह जाना कि Seo Friendly url Kya Hai? और एसईओ फ्रेंडली यूआरएल कैसे बनाये जाते है? और एक Webpage के लिए यह कितना महत्वपूर्ण हैं इसे भी समझ चुके होंगे। जेसा कि शुरुआत मे ही मेने वताया कि, एक वेहतर URL वो होता है जोकि छोटा ,ओर संक्षिप्त ओर समझने मे आसानि हो, और इसे आप आसानि से कॉन्फ़िगर कर सकते हैं।

हालांकि, एक बात पर हमेशा ध्यान रखे कि, अगर आपके पास पहले से ही स्थापित एक वेबसाइट है जिसमें बहुत सारे प्रकाशित Pages हैं, तो आपको उन्है कॉन्फ़िगर करते समय सावधानी भरतना चाहिए। क्योकि ऐसे मे छोटि सी लापरवाही भी आपकी साइट के लिए 404 त्रुटि की स्थिति पेदा कर सकता है। इसलिए केवल Stopword हटाने के लिए इनमे बदलाव न करे , क्योंकि इसके लिए अपको 301 Page Redirection को इस्तेमाल मे लाना परता है।

उदाहरण के लिए, अगर आपके पास एक ऐसा URL है जोकि काफी लम्बा ओर stop word से बड़ा है, तो इसे छोटा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योकि इससे आपको 404 या (Page Not Found) का Error देखने को मिलेगा और इसे Fix करने के लिए आपको 301 Redirection की मदद लेने होगी।

एक बात का हमेशा ध्यान रंखे कि जितना हो सके 301 Redirection से बचे, क्योंकि इसके साथ कुछ जोखिम भी होते हैं।अगर आपके पास एक ऐसा URL है, जिसका कोई मतलब नहीं बनता है या फिर इसमें बहुत सारे ऐसे अक्षर हैं जो अर्थपूर्ण नहीं हैं तो केवल ऐसी स्हिति मे ही इसे बदल ने का जोखिम उठाए, और Search Engine अनुकूल बनाने का प्रयास करे।

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